खेती को छोड़कर नौकरी शुरू करना तो आम बात बन चुकी है क्योंकि लाखों करोड़ों किसान ऐसा ही कर रहे हैं लेकिन नौकरी को छोड़कर खेती या इससे जुड़ा कोई व्यवसाय शुरू करना आम बात नहीं है और इससे करोड़ों कमाना तो बिल्कुल ही असंभव सा लगता है लेकिन भिलाई के एक नौजवान ने इसे संभव करके दिखाया है.
वो नौजवान कोई और नहीं बल्कि 26 साल के सत्येंद्र वर्मा हैं, आइए इनकी नौकरी छोड़ने से लेकर नौकरी देने तक अब तक के पूरे सफर को जानते हैं.
करियर का बड़ा निर्णय
सत्येंद्र वर्मा इंजीनियरिंग की एक नौकरी करते थे लेकिन कृषि का बैकग्राउंड होने के कारण वो इसकी ओर आकर्षित भी थे और वो 2019 में अपनी नौकरी छोड़ने का निर्णय लेते हैं और इसी बीच उन्हें देसी मुर्गी पालन में बहुत बड़ा अवसर दिखाई देता है क्योंकि वो इस बिजनेस में कई गैप को खोज लेते हैं और वो इसी कारण से पोल्ट्री फार्म शुरू करते हैं.
फॉर्म की शुरुआत
सत्येंद्र वर्मा एक दूरदृष्टी के साथ 200 फीट लंबी और 30 फीट चौड़ी जगह पर अपना पोल्ट्री फार्म स्थापित करते हैं जिसका नाम कुकड़ुकु पोल्ट्री सर्विस प्राइवेट लिमिटेड रखते हैं इस फॉर्म में वो 5000 सोनाली नस्ल के पक्षियों के साथ शुरुआत करते हैं जिनका उद्देश्य इनसे दोहरा लाभ लेना होता है क्योंकि इस नस्ल की मुर्गियां अंडा और मांस दोनों के लिए पाली जाती हैं.
सत्येंद्र वर्मा को जो बात सबसे अलग बनाती है वह है उनका फॉर्म को चलाने का तरीका, सत्येंद्र हर दिन इस फॉर्म से 3500 से 4000 अंडे प्राप्त करते हैं जो सीधे बिक्री के लिए नहीं बल्कि हैचिंग के लिए होते हैं. सत्येंद्र की हैचरी हर महीने लगभग 1 लाख चूजे पैदा करती है. ये चूजे आस पास के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करते हैं.
कर रहे हैं और किसानों की मदद
सत्येंद्र के व्यवसाय की सबसे बढ़िया बात उनकी मदद करने की प्रवृति की है वह किसानों को सिर्फ चूज़े नहीं बेचते हैं बल्कि और भी कई तरीकों से किसानों की मदद करते हैं वे किसानों को उच्च गुणवत्ता के पक्षी, चारा, दवाइयां और मार्गदर्शन देते हैं. सत्येंद्र महज ₹25 में किसानों को चूज़े उपलब्ध कराते हैं जिससे कोई भी किसान इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है.
अब हो रही है करोड़ों की कमाई
सत्येंद्र की लगातार मेहनत ने उनको जबरदस्त सफलता भी दिलाई है कुकड़ुकु पोल्ट्री सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले साल करीब 4.5 करोड़ रुपए का प्रभावशाली कारोबार किया है जिससे उन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि देशी मुर्गी पालन सिर्फ टिकाऊ ही नहीं है बल्कि अगर आप उसे सही ढंग से करें तो आप उससे करोड़ों रुपए का व्यवसाय भी बना सकते हैं.
व्यवसाय का फैलाव
सत्येंद्र अब सिर्फ अंडे और मुर्गियां ही नहीं बेच रहे हैं उनकी सोच इससे कई गुना ज्यादा की है वो अब पोल्ट्री उपकरण, और चिकन के साथ कई और चीजें भी बेच रहे हैं जिससे उनकी आय के कई स्रोत बन रहे हैं और उन्हें किसी एक वस्तु पर आश्रित भी नहीं होना पड़ रहा है.
भविष्य को लेकर सोच
अभी तो बस शुरुआत है, 26 साल के सत्येंद्र वर्मा अब यहीं पर रुकने वाले नहीं हैं वो लगातार नए नए तरीके खोज रहे हैं जिससे वो अपने इस व्यवसाय को और बड़ी ऊंचाई तक ले जाएं.
सत्येंद्र की यह कहानी इस बात का संकेत देती है कि अगर आप किसी भी कार्य को दृढ़ता और जुनून के साथ करें तो आप कोई भी ऊंचाई को आसानी से छू सकते हैं उन्होंने अपने साथ साथ आसपास के अन्य किसानों को भी सशक्त बनाया है. सत्येंद्र का सफर उनके लिए एक प्रेरणा का एक स्रोत है जो ऐसा कुछ व्यवसाय करना चाहते हैं.
