लाल सिंधी गाय (Red Sindhi Cow): टॉप दुधारू गायों में है स्थान, जानें और मुख्य विशेषताएं

लाल सिंधी गाय (Red Sindhi Cow): टॉप दुधारू गायों में है स्थान, जानें और मुख्य विशेषताएं

लाल सिंधी गायें मुख्य रूप से अपने दूध के लिए जानी जाती हैं और साहीवाल नस्ल की गाय के बाद इनकी गणना होती है. लाल सिंधी गाय को सिंधी और लाल कांकरेज गाय भी कहते हैं इस गाय की नस्ल का मूल जन्म स्थान पाकिस्तान का सिंध नामक प्रदेश है.

इस नस्ल की गायें विभिन्न प्रकार की जलवायु में अनुकूलन की क्षमता रखते हैं और ये गायें कई बीमारियों की प्रतिरोधी भी हैं लाल सिंधी गाय की अन्य कई देशों में भी भारी मांग है जिनमें मुख्य रूप से कोरिया, मलाया, ब्राजील और क्यूबा आदि देश शामिल हैं.

लाल सिंधी गाय की पहचान कैसे करें

लाल सिंधी गाय का रंग गहरा लाल होता है लेकिन इस नस्ल में हल्के पीले से लेकर गहरे कत्थई रंग के पशु भी पाए जाते हैं इस नस्ल की गायें मध्यम आकार की होती हैं लाल सिंधी गायों का शरीर सममित और ठोस होता है इस नस्ल की गायों का रूप फनाकार होता है लेकिन स्वभाव के हिसाब से यह गायें बहुत सीधी होती हैं.

लाल सिंधी गायों का सिर औसत आकार का होता है और अच्छी तरह विकसित भी होता है इनके सींग भी मोटे होते हैं और आकार में औसत होते हैं इनके कान नीचे की ओर झुके हुए होते हैं लाल सिंधी गायों के अयन भी बड़े होते हैं और इस नस्ल की जो गायें अधिक दूध देती हैं उनमें लटकते भी रहते हैं. इन गायों की कुल ऊंचाई लगभग 115 सेंटीमीटर, लंबाई करीब 127 सेंटीमीटर और वजन करीब 360 किलोग्राम होता है.

लाल सिंधी गाय का लाभ

इस नस्ल की गाय दूध के लिए बहुत प्रचलित है गांवों में लाल सिंधी गाय करीब 300 दिन के एक ब्यांत में औसतन 1200 किलो दूध देती है लेकिन उन्नत फॉर्मों में इसी नस्ल की गायें करीब 1800 किलोग्राम दूध दे रही हैं और इस नस्ल की कुछ ऐसी विशेष गायें भी हैं जो एक ब्यांत में करीब 4082 किलोग्राम भी दूध दे रही हैं.

लाल सिंधी गाय 3 से 3.5 वर्ष की उम्र में पहली बार ब्यान्ती है और ब्यांत में नियमित रहती हैं.

कहां रखी गई हैं लाल सिंधी गायें 

इस नस्ल की गायों को देश के कुछ पशु प्रजनन फॉर्म पर रखा गया है जो आगे दिए गए हैं.

  • पशु प्रजनन फार्म, बेलीचरण, जम्मू कैन्ट (जे० एंड के०)
  • पशुधन फार्म, जगदोर (आसाम)
  • पशु प्रजनन फार्म, बोलेंगीर (उड़ीसा)
  • पशु प्रजनन फार्म, होसुर, धरमापुरी (तमिलनाडु)
  • पशु प्रजनन फार्म, गोई क्रम, हजारीबाग (बिहार)
  • पशु प्रजनन फार्म, काडपन्नाकुनु त्रिवेन्द्रम (केरल)
  • पशु प्रजनन फार्म, कोईला, दक्षिण कनाडा (कर्नाटक)
  • कम्पोजिट पशुधन फार्म, घाट, सैनगुम (गोआ)
  • पशु प्रजनन फार्म, कल्सी, देहरादून (उत्तर प्रदेश)

लाल सिंधी नस्ल की गायें अपनी दूध की उपयोगिता के कारण बहुत प्रचलित हैं तो लाल सिंधी गाय के बारे में आप पूरी जानकारी जान चुके हैं और ऐसी ही और जानकारियों के आप हमसे व्हाट्सएप पर जुड़ें.

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