अगर आप एक आलू उत्पादक हैं या खाते हैं तो आपके लिए एक ऐसी जानकारी है जो आपको जरूर जाननी चाहिए दरअसल कुछ दिनों पहले भारतीय कृषि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी को अंतराष्ट्रीय आलू संस्थान का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र खोलने की बात कही थी जिसे 25 जून 2025 को मंजूरी मिल गयी है और यह भारत और पूरे विश्व के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि इसके कारण अब आलू उत्पादकों को बहुत फायदा मिलेगा।
यह संस्थान क्यों है इतना खास
यह संस्थान इसलिए भी इतना ख़ास है क्योंकि इसके माध्यम से अब आलू की नयी किस्में विकसित की जा सकेंगी और साथ ही साथ शकरकंद (स्वीट पोटैटो) की भी किस्में विकसित की जा सकेंगी जिसके कारण किसानों की आय और आम आदमी को पोषण युक्त नयी नयी किस्में प्राप्त होंगी।
भारत और आगरा को ही क्यों चुना गया
भारत में चावल और गेहूं के बाद सबसे ज्यादा आलू को भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है जबकि भारत चीन के बाद सबसे बड़ा आलू उत्पादक देश भी है इसी कारण से इस संस्थान के लिए भारत को चुना गया है लेकिन आगरा को इसलिए चुना गया है क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है और ये करीब देश के कुल आलू उत्पादन का एक तिहाई आलू उत्पाद करता है.
किसने क्या दिया
इस संस्थान के लिए अलग अलग सरकारों ने कुछ न कुछ दिया है जैसे कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार की बात करें तो 10 हेक्टेयर जमीन, उत्तर प्रदेश सरकार ने दी है और वहीँ केंद्र सरकार ने 111.5 करोड़ रूपये आवंटित किये हैं.
किसानों को कैसे होगा लाभ
यह संस्थान किसानों के लाभ के लिए ही खोला जा रहा है जिसमें उन्नत किस्म के बीज तैयार होंगे इस संस्थान में ऐसे बीज तैयार किये जायेंगे जो अधिक पैदावार दें, रोगों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी हों इसके साथ ही उनको प्रोसेसिंग में आसानी से उपयोग किया जा सके क्योंकी भारत में अभी भी आलू की सब्जी वाली किस्में अधिक उगाई जाती हैं जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रोसेसिंग वाले आलू की अधिक मांग है जिसके लिए भी यह संस्थान कार्य करेगा साथ ही इस संस्थान में किसानों को समय समय पर प्रशिक्षण भी दिया जायेगा और इस संस्थान पर पूरी तरह सरकार का कंट्रोल होगा।
